Description
पावनी हिंदी पाठ्यपुस्तक श्रृंखला का नाम ही इसकी विशेषता को दर्शाता है। ‘पावनी’ का अर्थ है ‘पवित्र बनाने वाली’। यह भाषा ही है जो व्यक्ति के आचरण और व्यक्तित्व को पवित्र बनाती है और उसकी पहचान बनती है। ऐसे में बालकों को भाषा का आरंभिक ज्ञान कराने वाली पाठ्यपुस्तकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
प्रस्तुत पाठ्यपुस्तक श्रृंखला को राष्ट्रीय पाठ्यचर्या (NCERT), विभिन्न राज्यों के शिक्षा बोर्डों के निर्देशों तथा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के आलोक में तैयार किया गया है। पुस्तक की रचना में बाल-मनोविज्ञान एवं छात्रों के मानसिक स्तर के साथ-साथ उनकी भाषाई ज़रूरतों और व्यावहारिकता का विशेष ध्यान रखा गया है।
श्रृंखला की प्रमुख विशेषताएं:
- रोचक शुरुआत: कक्षा 1 से 5 तक की पुस्तकों का आरंभ रोचक चित्रकारी और परंपरागत लोक-गीत शैली से किया गया है।
- क्रमबद्ध ज्ञान: वर्णमाला के ज्ञान की पुनरावृत्ति के पश्चात मात्राओं का ज्ञान शब्द-रचना के साथ कराया गया है। इसके पश्चात पुस्तकों के अभ्यासों के अंतर्गत व्याकरण का ज्ञान उत्तरोत्तर बढ़ते हुए क्रम में रोचक एवं सरल शैली में कराया गया है।
- गीतों का समावेश: गीत रोचक होने के कारण जल्दी याद हो जाते हैं, इस मनोवृत्ति का ध्यान रखते हुए प्रत्येक मात्रा-ज्ञान के अंत में उस मात्रा के प्रयोग पर आधारित कविता दी गई है।
- बाल-केंद्रित दृष्टिकोण: पुस्तकों में बालक के पर्यावरण और वातावरण से पाठों की संबद्धता, विभिन्न गतिविधियों, क्रियाकलापों और खेलों के द्वारा रोचकता का समावेश, आकर्षक चित्र-शैली के साथ ही चित्रकथा शैली में विषय की प्रस्तुति का ध्यान रखा गया है।
- साहित्यिक विधाओं का परिचय: सभी प्रमुख साहित्यिक विधाओं का परिचय पुस्तकों के माध्यम से कराया गया है। काव्य-सौन्दर्य के अंतर्गत रस, छंद, अलंकार, लय, तुक, िंबब आदि का परिचय अत्यंत सरल और रोचक शैली में कराया गया है।
- नए भारत की छवि: पुस्तकों में नए भारत की उज्जवल छवि को चिह्नित किया गया है।
- अतिरिक्त सामग्री: परियोजना—कार्य और प्रतिदर्श प्रश्न-पत्रों का समावेश।
- मनोरंजन और ज्ञान: ‘मौज-मस्ती’ शीर्षक के रूप में मनोरंजक कविता, कहानी और अन्य रूचिकर जानकारियाँ दी गई हैं।
- स्वास्थ्य और योग: ‘खुश रहिए, स्वस्थ रहिए (बॉडी फिट, माइंड हिट)’ शीर्षक के अंतर्गत योग और स्वास्थ्य के महत्व को स्पष्ट किया गया है।
- मानक वर्तनी: पुस्तक में सर्वत्र मानक वर्तनी का प्रयोग किया गया है।
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